जीवन के अन्य दुर्गुण
जीवन के अन्य दुर्गुण एकदूसरे को समीप ला सकते हैं। शराबी का शराबी के साथ मेल-जोल हो जाता है। इसी तरह चोर-जुआरी आपस में गहरे मित्र बन जाते हैं। अन्य दुर्गुणों के साथ भी यह मित्रता की कथा विकसित हो सकती है, किंतु किसी में सभी सद्गुण होते हुए भी, अहंकार कर देता है। देखा यही जाता है कि ज्यादातर सद्गुणी व्यक्ति इस अहंकार से ग्रसित हो जाते हैं। इसी कारण दुष्ट-दुर्जनों की अपेक्षा सज्जन, सद्गुणी व्यक्ति ज्यादा असंगठित होते हैं। उनमें न तो मेल-जॉल पनपता है और न ही घनिष्ठता विकसित हो पाती है।
Other vices of life can bring each other closer. An alcoholic gets mixed up with an alcoholic. Similarly, thieves and gamblers become close friends with each other. This friendship story can develop with other demerits as well, but in spite of having all the virtues in someone, it makes arrogance. It is seen that most of the virtuous people get affected by this ego. That is why gentlemen, virtuous people are more disorganized than the wicked ones. There is neither harmony nor intimacy develops between them.
Other Vices of Life | Arya Samaj Jabalpur, 9300441615 | Marriage Service by Arya Samaj Jabalpur | Arya Samaj Hindu Temple Jabalpur | Arya Samaj Marriage Guidelines Jabalpur | Arya Samaj Vivah Jabalpur | Inter Caste Marriage Jabalpur | Marriage Service by Arya Samaj Mandir Jabalpur | Arya Samaj Marriage Helpline Jabalpur | Arya Samaj Vivah Lagan Jabalpur | Inter Caste Marriage Consultant Jabalpur | Marriage Service in Arya Samaj Jabalpur | Arya Samaj Inter Caste Marriage Jabalpur | Arya Samaj Marriage Jabalpur | Arya Samaj Vivah Mandap Jabalpur | Inter Caste Marriage Helpline Jabalpur | Marriage Service in Arya Samaj Mandir Jabalpur | Arya Samaj Intercaste Marriage Jabalpur | Arya Samaj Marriage Pandits Jabalpur | Arya Samaj Vivah Pooja Jabalpur
परमात्मा के अनेक गुणवाचक नाम महर्षि दयानन्द ने ऋग्वेद के 7वें मंडल के 61वें सूक्त के दूसरे मंत्र तक और माध्यन्दिन शुक्ल यजुर्वेद संहिता के सम्पूर्ण मंत्रों का भाष्य किया। उससे पूर्व उवट, महीधर और सायण इस का भाष्य कर चुके थे। उवट और महीधर के भाष्य मुख्य रूप से कात्यायन- श्रौतसूत्र में विनियोजित कर्मकाण्ड का अनुसरण करते हैं और सायण के भाष्य भी इसी...