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विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र चेरीताल जबलपुर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित जबलपुर में एकमात्र केन्द्र है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज संस्कार केन्द्र चेरीताल के अतिरिक्त जबलपुर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Cherital Jabalpur is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Cherital Jabalpur is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Jabalpur. We do not have any other branch or Centre in Jabalpur. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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आदर्शवादिता
जहाँ स्वार्थपरता, चालबाजी, धूर्तता, अनीति का समावेश हो उन बातों को नहीं चलने देना चाहिए। इसमें अपना असहयोग, अवरोध या संघर्ष भी खड़ा किया जा सकता है। ऐसे प्रसंग पुराने ढंग की विवाह-शादियों के संबंध में हो सकते हैं। बाल-विवाह, दहेज, धूम-धाम के प्रसंगो में नई पीढ़ी को बड़े-बूढ़ों के सामने अपनी आदर्शवादिता मान्यता स्पष्ट कर देनी चाहिए। कहना चाहिए कि यह मूढ़ परंपरा उन्हें किसी भी प्रकार स्वीकार नहीं। वे आजीवन कुँवारे रह सकते हैं, पर उनका रिश्ता स्वीकार नहीं करेंगे, जो दान-दहेज या धूम-धाम को आवश्यकता मानते हैं। लड़की हो या लड़का दोनों को ही इस आदर्शवादिता पर अड़ जाना चाहिए। किसी गरीब को साथी बना लेना चाहिए, पर उस कुप्रथा को सहन नहीं करना चाहिए, जिसमें घर बरबाद होते हैं और समाज में गरीबी, बेईमानी का माहौल बनता है।

Where selfishness, trickery, cunning, immorality are involved, those things should not be allowed to run. It can also create its own non-cooperation, obstruction or struggle. Such incidents can happen in relation to old-fashioned marriages. In the context of child marriage, dowry, pomp and pomp, the new generation should make their idealistic beliefs clear in front of the elders. It should be said that they do not accept this stupid tradition in any way. They may remain bachelors for life, but will not accept their relationship, which considers donation-dowry or pomp and show as a necessity. Be it a girl or a boy, both should stick to this idealism. A poor person should be made a partner, but one should not tolerate that evil practice, in which houses are destroyed and an atmosphere of poverty, dishonesty is created in the society.

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  • परमात्मा के अनेक गुणवाचक नाम

    परमात्मा के अनेक गुणवाचक नाम महर्षि दयानन्द ने ऋग्वेद के 7वें मंडल के 61वें सूक्त के दूसरे मंत्र तक और माध्यन्दिन शुक्ल यजुर्वेद संहिता के सम्पूर्ण मंत्रों का भाष्य किया। उससे पूर्व उवट, महीधर और सायण इस का भाष्य कर चुके थे। उवट और महीधर के भाष्य मुख्य रूप से कात्यायन- श्रौतसूत्र में विनियोजित कर्मकाण्ड का अनुसरण करते हैं और सायण के भाष्य भी इसी...

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