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पुनर्जन्म की खोज
हेंस टेन डेम ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'एक्सप्लेरिंग रीइनकार्नेशन' में पुनर्जन्म का विस्तृत विवरण दिया है। हैंस ने पुनर्जन्म पर विश्वास रखने वाले छह क्षेत्रों का निर्धारण किया है। प्रथम क्षेत्र में दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, सेनेगल, घाना तथा इसके आसपास के देश आते हैं। इसी क्षेत्र में दक्षिण पूर्वी तुर्की लेबनान और उत्तरी इजराइल का भाग आता है। विभाजन की तीसरी रेखा भारत सहित दक्षिण पूर्वी एशिया को दरसाती है, जिसमें श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, तिब्बत और वियतनाम जैसे आते हैं। चौथा क्षेत्र जापान है। पाँचवें क्षेत्र में दक्षिण पूर्व अलास्का आता है। हैंस ने अंतिम क्षेत्र के रूप में पश्चिमी जगत् के यूरोप और अमेरिका को माना है। इन समस्त क्षेत्रों में पुनर्जन्म की मान्यता प्रचलित है।

Hans Ten Dame gives a detailed account of reincarnation in his famous book, Exploring Reincarnation. Hans has identified six areas of belief in reincarnation. In the first region, South Africa, Nigeria, Senegal, Ghana and its surrounding countries come. In this area comes part of southeast Turkey, Lebanon and northern Israel. The third line of division spans Southeast Asia, including India, which includes Sri Lanka, Thailand, Nepal, Tibet and Vietnam. The fourth region is Japan. The fifth region comes from Southeast Alaska. Haines considered Europe and America of the western world as the last region. The belief of reincarnation is prevalent in all these areas.

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  • परमात्मा के अनेक गुणवाचक नाम

    परमात्मा के अनेक गुणवाचक नाम महर्षि दयानन्द ने ऋग्वेद के 7वें मंडल के 61वें सूक्त के दूसरे मंत्र तक और माध्यन्दिन शुक्ल यजुर्वेद संहिता के सम्पूर्ण मंत्रों का भाष्य किया। उससे पूर्व उवट, महीधर और सायण इस का भाष्य कर चुके थे। उवट और महीधर के भाष्य मुख्य रूप से कात्यायन- श्रौतसूत्र में विनियोजित कर्मकाण्ड का अनुसरण करते हैं और सायण के भाष्य भी इसी...

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