Call Now : 9300441615, 8989738486 | MAP
     
विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र चेरीताल जबलपुर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित जबलपुर में एकमात्र केन्द्र है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज संस्कार केन्द्र चेरीताल के अतिरिक्त जबलपुर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Cherital Jabalpur is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Cherital Jabalpur is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Jabalpur. We do not have any other branch or Centre in Jabalpur. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
arya samaj marriage jabalpur india legal
all india arya samaj marriage place

पर्यावरण प्रदुषण पर नियंत्रण 
आज आबादी को भी नियंत्रित किए जाने की अविलंब आवश्यकता है और इसके लिए व्यक्ति, समाज व सरकार सबको सामूहिक रूप से प्रयास-पुरुषार्थ करना होगा। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण के प्रयोग पर सख्ती से पाबंदी लगाए जाने की जरूरत है। हमारे पाठ्यक्रमों में स्कूली स्तर से ही पर्यावरण अध्ययन को शामिल किए जाने की आवश्यकता है, जिससे हम बचपन से ही प्रकृति के महत्व को समझ सकें और प्रकृति के प्रति संवेदनशील व्यवहार कर सकें। आध्यात्मिक व्यक्ति की आवश्यकताएँ कम होती जाती हैं। वह न्यूनतम में अपना जीवन निर्वाह कर पाता है। वह संकीर्ण स्वार्थ से ऊपर उठकर समष्टिगत हित में सोचता है। वह 'सर्वे भवन्तु सुखहीनः' व 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की राष्ट्र व विश्व के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझता है। उनका बखूबी निर्वहन भी करता है।

Today there is an urgent need to control the population too and for this individual, society and government will have to make collective efforts and efforts. To protect the environment, there is a need to strictly ban the use of manufacturing of single use plastics. There is a need to include environmental studies in our curriculum right from the school level, so that we can understand the importance of nature from childhood and behave sensitively towards nature. The needs of the spiritual person become less and less. He is able to live his life with minimum. He rises above the narrow selfishness and thinks in the collective interest. He understands his responsibilities towards the nation and the world of 'Sarve Bhavantu Sukhheenah' and 'Vasudhaiv Kutumbakam'. He also discharges them well.


Control of Environmental Pollution | Arya Samaj Jabalpur, 9300441615 | Arya Samaj Vivah Pooja Jabalpur | Inter Caste Marriage helpline Conductor Jabalpur | Official Web Portal of Arya Samaj Jabalpur | Arya Samaj Intercaste Matrimony Jabalpur | Arya Samaj Marriage Procedure Jabalpur | Arya Samaj Vivah Poojan Vidhi Jabalpur | Inter Caste Marriage Promotion Jabalpur | Official Website of Arya Samaj Jabalpur | Arya Samaj Legal Marriage Service Jabalpur | Arya Samaj Marriage Registration Jabalpur | Arya Samaj Vivah Vidhi Jabalpur | Inter Caste Marriage Promotion for Prevent of Untouchability Jabalpur | Pandits for Marriage Jabalpur | Arya Samaj Legal Wedding Jabalpur | Arya Samaj Marriage Rituals Jabalpur | Arya Samaj Wedding Jabalpur | Legal Marriage Jabalpur | Arya Samaj Mandir Jabalpur

  • परमात्मा के अनेक गुणवाचक नाम

    परमात्मा के अनेक गुणवाचक नाम महर्षि दयानन्द ने ऋग्वेद के 7वें मंडल के 61वें सूक्त के दूसरे मंत्र तक और माध्यन्दिन शुक्ल यजुर्वेद संहिता के सम्पूर्ण मंत्रों का भाष्य किया। उससे पूर्व उवट, महीधर और सायण इस का भाष्य कर चुके थे। उवट और महीधर के भाष्य मुख्य रूप से कात्यायन- श्रौतसूत्र में विनियोजित कर्मकाण्ड का अनुसरण करते हैं और सायण के भाष्य भी इसी...

    Read More ...

pandit requirement
Copyright © 2022. All Rights Reserved. aryasamajjabalpur.com